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एक जन्मदिन / आलोक श्रीवास्तव-२
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अभी अभी लांघे है तुमने अट्ठारह वसंत
अभी अभी तुमने देखा है एक सपना
अभी अभी तुम खुद हुई हो वसंत
अभी अभी तुम ख़ुद हुई हो एक सपना
इस सपने को क्या कह कर पुकारूं
कौन-सा छंद दूं इस वसंत को ?