Last modified on 1 अप्रैल 2009, at 17:54

एक जन्मदिन / आलोक श्रीवास्तव-२

Himanshu (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 17:54, 1 अप्रैल 2009 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=आलोक श्रीवास्तव-2 }} <poem> अभी अभी लांघे है तुमने अट...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

 
 
अभी अभी लांघे है तुमने अट्ठारह वसंत
अभी अभी तुमने देखा है एक सपना
अभी अभी तुम खुद हुई हो वसंत
अभी अभी तुम ख़ुद हुई हो एक सपना

इस सपने को क्या कह कर पुकारूं
कौन-सा छंद दूं इस वसंत को ?