Last modified on 21 मई 2009, at 11:39

नसीम तेरी क़बा / अली सरदार जाफ़री

चंद्र मौलेश्वर (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 11:39, 21 मई 2009 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अली सरदार जाफ़री }} <poem> नसीम तेरी क़बा ========= नसीम त...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)


नसीम तेरी क़बा
=========

नसीम तेरी क़बा, बूए-गुल है पैराहन
हया का रंग रिदाए-बहार१ उढा़ता है
तेरे बदन का चमन ऐसे जगमगाता है
कि जैसे सैले-सहत, जैसे नूर का दामन
सितारे डूबत हैं चाँद झिलमिलाता है



१.बहार की चादर