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सदस्य वार्ता:Animesh majumdar
Kavita Kosh से
कड़ी शीर्षक जी लेने की जिद है
गीत बनाने की जिद है !
आज मुझे गीत बनाने की जिद है !
हर अनुभव हर पहलु की आज गीत बनाने की जिद है !
दीवारों से बतियाने की जिद है !
दिए बहुत से जलते है !
पर आज अंधियारे में रहने की जिद है !
बहुत कुछ मन में है जो !
आज बाहर निकालने की जिद है !
हर पल हम घुटते थे मन में !
पर आज जीने की जिद है !
दीवारों से बात करने !
मन का आपा खो देने !
आज हमें क्योँ जिद है ?
खो गया है मन का आपा !
हमें इस बात की फिकर नही !
जिद है आज हमें गीत बनाने की जिद है !