जब किसी से कोई गिला रखना 
सामने अपने आईना रखना 
यूँ उजालों से वास्ता रखना 
शम्मा के पास ही हवा रखना 
घर की तामीर<ref>निर्माण, रचना</ref> चाहे जैसी हो 
इस में रोने की जगह रखना 
मस्जिदें हैं नमाज़ियों के लिये 
अपने घर में कहीं ख़ुदा रखना 
मिलना जुलना जहाँ ज़रूरी हो 
मिलने-जुलने का हौसला रखना
शब्दार्थ
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