Last modified on 4 नवम्बर 2009, at 15:30

इतना कुछ था / कुंवर नारायण

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:30, 4 नवम्बर 2009 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

 
इतना कुछ था दुनिया में
लड़ने झगड़ने को
पर ऐसा मन मिला
कि ज़रा-से प्यार में डूबा रहा
और जीवन बीत गया