नसीम तेरी क़बा, बूए-गुल है पैराहन
हया का रंग रिदाए-बहार१ उढा़ता है
तेरे बदन का चमन ऐसे जगमगाता है
कि जैसे सैले-सहत, जैसे नूर का दामन
सितारे डूबत हैं चाँद झिलमिलाता है
१.बहार की चादर
नसीम तेरी क़बा, बूए-गुल है पैराहन
हया का रंग रिदाए-बहार१ उढा़ता है
तेरे बदन का चमन ऐसे जगमगाता है
कि जैसे सैले-सहत, जैसे नूर का दामन
सितारे डूबत हैं चाँद झिलमिलाता है
१.बहार की चादर