Last modified on 13 नवम्बर 2009, at 09:27

आजु सिर चूड़ामनि अति सोहै / भारतेंदु हरिश्चंद्र

अजय यादव (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 09:27, 13 नवम्बर 2009 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=भारतेंदु हरिश्चंद्र }} <poem> आजु सिर चूड़ामनि अति स…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

आजु सिर चूड़ामनि अति सोहै।
जूड़ो कसि बाँध्यो है प्यारी पीतम को मन मोहै॥
मानहुँ तम के तुंग सिखर पै बाल चंद उदयो है।
’हरीचंद’ ऐसी या छबि कों बरनि सकै सो को है॥