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आजु सिर चूड़ामनि अति सोहै / भारतेंदु हरिश्चंद्र

आजु सिर चूड़ामनि अति सोहै।
जूड़ो कसि बाँध्यो है प्यारी पीतम को मन मोहै॥
मानहुँ तम के तुंग सिखर पै बाल चंद उदयो है।
’हरीचंद’ ऐसी या छबि कों बरनि सकै सो को है॥