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मुहब्बत का जुनूँ बाक़ी नहीं है / इक़बाल

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लेखक: इक़बाल

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मोहब्बत क जुनूँ बाक़ी नहीं है
मुसलमानों में ख़ून बाक़ी नहीं है

सफ़ें कज, दिल परेशन, सज्दा बेज़ूक
के जज़बा-ए-अंद्रून बाक़ी नहीं है

रगों में लहू बाक़ी नहीं है
वो दिल, वो आवाज़ बाक़ी नहीं है

नमाज़-ओ-रोज़ा-ओ-क़ुर्बानी-ओ-हज
ये सब बाक़ी है तू बाक़ी नहीं है