तुम _
बजाओ साज़
दिल का, 
ज़िन्दगी का गीत
मैं _
गाऊँ! 
उम्र यों 
ढलती रहे, 
उर में
धड़कती साँस यह
चलती रहे! 
दोनों हृदय में
स्नेह की बाती लहर 
बलती रहे! 
जीवन्त प्राणों में
परस्पर
भावना - संवेदना
पलती रहे! 
तुम _
सुनाओ
इक कहानी प्यार की
मोहक, 
सुन जिसे 
मैं _
चैन से 
कुछ क्षण
कि सो जाऊँ! 
दर्द सारा भूल कर
मधु-स्वप्न में
बेफ़िक्र खो जाऊँ! 
तुम _
बहाओ प्यार-जल की
छलछलाती धार, 
चरणों पर तुम्हारे
स्वर्ग - वैभव
मैं _
झुका लाऊँ!