Last modified on 13 जनवरी 2010, at 21:03

ज़ुल्फ़ें सीना नाफ़ कमर / जाँ निसार अख़्तर

Shrddha (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 21:03, 13 जनवरी 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=जाँ निसार अख़्तर |संग्रह=जाँ निसार अख़्तर-एक जव…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

ज़ुल्फ़ें सीना नाफ़ कमर
एक नदी में कितने भंवर

लाख तरह से नाम तेरा
बैठा लिक्खूँ कागज़ पर

रात के पीछे रात चले
ख़्वाब हुआ हर ख़्वाब-ए-सहर

कितना मुश्किल कितना कठिन
जीने से जीने का हुनर