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वफ़ादार है बड़े काम का / रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’
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यह कुत्ता है बड़ा शिकारी ।
बिल्ली का दुश्मन है भारी ।।
बन्दर अगर इसे दिख जाता ।
भौंक-भौंक कर उसे भगाता ।।
उछल-उछल कर दौड़ लगाता ।
बॉल पकड़ कर जल्दी लाता ।।
यह सीधा-सच्चा लगता है ।
बच्चों को अच्छा लगता है ।।
धवल दूध सा तन है सारा ।
इसका नाम फ़िरंगी प्यारा ।।
आँखें इसकी चमकीली हैं ।
भूरी सी हैं और नीली हैं ।।
जग जाता है यह आहट से ।
साथ-साथ चल पड़ता झट से ।।
प्यारा सा पिल्ला ले आना ।
सुबह शाम इसको टहलाना ।।
नौकर है यह बिना दाम का ।
वफ़ादार है बड़े काम का ।।