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इस दु:ख का मैं क्या करूं / मुकेश मानस

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इस दु:ख का मैं क्या करूं

ये दु:ख मेरे पास
क्यों बार-बार आता है

इस दु:ख से मेरा क्या रिश्ता है
क्यों मेरे पास
ये बार-बार लौट आता है
मेरी खुशियों की फुंनगियों पर
नागफनी-सा खिल जाता है

इस दु:ख का मैं क्या करूं
इसे चिहुंक कर गले लगा लूं
या इससे डरूं

इसे मौत का अवसाद मानूं
या जीवन का हथियार
क्यों आता है बार-बार
इस दु:ख पर मुझे प्यार

रचनाकाल:1995