भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

सच्चा संत / चंद्र कुमार जैन

Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 17:09, 29 अप्रैल 2007 का अवतरण (New page: रचनाकार: चंद्र कुमार जैन Category:कविताएँ Category:चंद्र कुमार जैन ~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

रचनाकार: चंद्र कुमार जैन

~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~

संत किसी अंत से
नहीं डरता
कठिनाइयॉ
उसकी पगडंडियँ हैं
उपसर्ग
उसे पथ बताते हैं
वन, उपवन,
उद्यानों का सौंदर्य
उसे रिझाता नहीं
स्वर्ग का सुख वैभव भी
उसे भाता नहीं
संत तो
हिमगिरि के गर्भ से
उत्पन्न होकर
सिंधु-पथ गामी बनने में ही
जीवन की सार्थकता मानता है
सिंधु-वत हो जाने का
संकल्प ठानता है
जो जानता है कि
आत्मा की विभूति अनंत है
वह सच्चे अर्थ में संत है