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कविता में / नवनीत पाण्डे

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कविता में
लिखी हैं ये पंक्तियां
एक जना खोलता बोतल
टलमलाते हाथों से
ढाल रहा जाम
दूसरा
खींच रहा है आंखों से
मेरा पाठक बांच रहा है यह कविता
ढूंढते हुए कविता