ऐसी हालत मे क्या किया जाए?
पूरा नक़्शा बदल दिया जाए।
देश का क्लेश मिटे इस खातिर
फिर नए तौर से लिया जाए।
ख़ुद को ख़ुदगर्ज़ियों की सूली पर
क्यों खुशी से चढा दिया जाए?
प्यार की मार हो, प्रहर न हो
आज ऐसे भी लड़ लिया जाए।
क़ौम को जि नई उमर बख़्शे
घूँट कड़वा सही पी लिया जाए।
चाक दामन हुआ शराफत का
उसको सम्मान से सिया जाए।