Last modified on 28 अक्टूबर 2010, at 20:03

आदमी मजबूर है बिकने के लिए / केदारनाथ अग्रवाल

Dkspoet (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 20:03, 28 अक्टूबर 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=केदारनाथ अग्रवाल |संग्रह=कुहकी कोयल खड़े पेड़ …)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

चाहे कम में बिके
या अधिक में
आदमी मजबूर है बिकने के लिए
न बिकना मौत है-
बिकना जीवन

रचनाकाल: १७-१०-१९६५