Last modified on 6 दिसम्बर 2010, at 16:42

होली आई / शिवराज भारतीय

आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 16:42, 6 दिसम्बर 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=शिवराज भारतीय |संग्रह=रंग लुटाती वर्षा आई / शिवर…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)


होली आई होली आई
हर चेहरे पर मस्ती छाई

कहीं चंग पर गीत सुरीले
झूमें कहीं जवान सजीले,
सजधज कर के ठुमक-ठुमक
महरी बनकर नाचे भाई
होली आई होली आई

बनकर राधा-कृष्ण कन्हाई
रास रचाते लोग-लुगाई,
रामू और कुलविंदर के संग
भंगड़ा करता असगर भाई
होली आई होली आई।
ढमक-ढमक ढोलक बोली
आओ मिलकर खेलें होली,
रंग-अबीर गुलाल मले सब
पिचकारी ने धूम मचाई
होली आई होली आई।