Last modified on 25 जुलाई 2021, at 14:18

अंग लग जा बालमा / शैलेन्द्र

कारे-कारे बदरा, सूनी-सूनी रतिया, सजना
बिजुरी जो चमके, धड़क जाए छतिया, सजना
मैं अकेली पिया, लरजे मोरा जिया, ऐसे में तू न जा
अंग लग जा बालमा, मोरे अंग लग जा बालमा
मैं अकेली पिया, लरजे मोरा जिया, ऐसे में तू न जा
मोरे अंग लग जा बालमा, मोरे अंग लग जा बालमा

आज हवाएँ मोसे करें जोरा-जोरी
उड़ जाना चाहें लेके साड़ी को मोरी
इन हवाओं से बचा बालमा
मोरे अंग लग जा बालमा …

पगला ये मन मोरा, बस में न आए
हाथ छुड़ाके पापी जहाँ-तहाँ जाए
इसे तू ही समझा बालमा
मोरे अंग लग जा बालमा …

1970