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कोई चाँदनी में नहाये तो जाने / रंजना वर्मा
Kavita Kosh से
कोई चांदनी में नहाये तो जाने।
हों भीगे नयन मुस्कुराये तो जाने॥
गमों का हो तूफ़ान बेचैन करता
कोई गीत तब गुनगुनाये तो जाने॥
उमंगों की बारात हो दिल के द्वारे
कोई तेरे नज़दीक आये तो जाने॥
बड़ी मुश्किलों से मिले जीत कोई
कोई पीठ तब थपथपाए तो जाने॥
कोई पोंछ दे बढ़ के आँखों से आँसू
कोई अपना दामन बढ़ाये तो जाने॥
निराशा ने जब घर बनाया हो दिल में
कोई आ के हिम्मत बढ़ाये तो जाने॥
घना हो अँधेरा डगर जब न सूझे
कोई एक दीपक जलाये तो जाने॥