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गीत यशस्वी हैं / सुनो तथागत / कुमार रवींद्र
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सुनो, भाई
गीत अपने भी यशस्वी हैं
इन्हीं गीतों को बदौलत
लोग हमको जानते हैं
दुआ इनकी -
हम स्वयं को भी
सही पहचानते हैं
गीत अपने हैं
इसी से हम मनस्वी हैं
शुक्रिया है गीत का
हम बीत कर भी नहीं बीते
भाई, वरना कम नहीं थे
साँस के अपने फज़ीते
गीत तप है
और हम उसके तपस्वी हैं
गीत होना, भाई, मानें
बाँसुरी की रीत होना है
मंत्र अपना
ढाई आखर का सनातन
खुदी खोना है
गीत रस है
संग उसके हम रसस्वी हैं