Last modified on 6 अगस्त 2016, at 11:04

परिचय / शिवमंगल सिंह ‘सुमन’

 
हम दीवानों का क्या परिचय?
कुछ चाव लिए, कुछ चाह लिए
कुछ कसकन और कराह लिए
कुछ दर्द लिए, कुछ दाह लिए
हम नौसिखिए, नूतन पथ पर चल दिए, प्रणय का कर विनिमय
हम दीवानों का क्या परिचय?

विस्मृति की एक कहानी ले
कुछ यौवन की नादानी ले
कुछ—कुछ आंखों में पानी ले
हो चले पराजित अपनों से, कर चले जगत को आज विजय,
हम दीवानों का क्या परिचय?

हम शूल बढ़ाते हुए चले
हम फूल चढ़ाते हुए चले
हम धूल उड़ाते हुए चले
हम लुटा चले अपनी मस्ती, अरमान कर चले कुछ संचय,
हम दीवानों का क्या परिचय?

हम चिर—नूतन विश्वास लिए
प्राणों में पीड़ा—पाश लिए
मर मिटने की अभिलाषा लिए
हम मिटते रहते हैं प्रतिपल, कर अमर प्रणय में प्राण—निलय,
हम दीवानों का क्या परिचय?

हम पीते और पिलाते हैं
हम लुटते और लुटाते हैं
हम मिटते और मिटाते हैं
हम इस नन्हीं—सी जगती में बन—बन मिट—मिट करते अभिनय,
हम दीवानों का क्या परिचय?

शाश्वत यह आना—जाना है
क्या अपना और बिराना है
प्रिय में सबको मिल जाना है
इतने छोटा—से जीवन में, इतना ही कर पाए निश्चय,
हम दीवानों का क्या परिचय?

शाश्वत यह आना—जाना है
क्या अपना और बिराना है
प्रिय में सबको मिल जाना है
इतने छोटे—से जीवन में, इतना ही कर पाए निश्चय,
हम दीवानों का क्या परिचय?