भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
शिवमंगल सिंह ‘सुमन’
Kavita Kosh से
शिवमंगल सिंह
जन्म | 05 अगस्त 1915 |
---|---|
निधन | 27 नवम्बर 2002 |
उपनाम | सुमन |
जन्म स्थान | ग्राम झगरपुर, जिला उन्नाव, उत्तर प्रदेश, भारत |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
हिल्लोल, मिट्टी की बारात, वाणी की व्यथा, प्रलय सृजन | |
विविध | |
1974 में मिट्टी की बारात रचना के लिये साहित्य अकादमी पुरस्कार और 1993 में भारत भारती पुरस्कार। | |
जीवन परिचय | |
शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ / परिचय |
कविता संग्रह
- हिल्लोल / शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ (1939)
- जीवन के गान / शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ (1942)
- युग का मोल / शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ (1945)
- प्रलय सृजन / शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ (1950)
- विश्वास बढ़ता ही गया / शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ (1948)
- विध्य हिमालय / शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ (1960)
- मिट्टी की बारात / शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ (1972)
- वाणी की व्यथा / शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ (1980)
- कटे अँगूठों की वंदनवारें / शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ (1991)
कुछ प्रतिनिधि कविताएँ
- सांसों का हिसाब / शिवमंगल सिंह ‘सुमन’
- चलना हमारा काम है / शिवमंगल सिंह ‘सुमन’
- मैं नहीं आया तुम्हारे द्वार / शिवमंगल सिंह ‘सुमन’
- असमंजस / शिवमंगल सिंह ‘सुमन’
- पतवार / शिवमंगल सिंह ‘सुमन’
- जिस-जिस से पथ पर स्नेह मिला / शिवमंगल सिंह ‘सुमन’
- सूनी साँझ / शिवमंगल सिंह ‘सुमन’
- विवशता / शिवमंगल सिंह ‘सुमन’
- मैं बढ़ा ही जा रहा हूँ / शिवमंगल सिंह ‘सुमन’
- आभार / शिवमंगल सिंह ‘सुमन’
- पर आँखें नहीं भरीं / शिवमंगल सिंह ‘सुमन’
- मृत्तिका दीप / शिवमंगल सिंह ‘सुमन’
- जल रहे हैं दीप, जलती है जवानी / शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ / भाग १
- जल रहे हैं दीप, जलती है जवानी / शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ / भाग २
- जल रहे हैं दीप, जलती है जवानी / शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ / भाग ३
- बात की बात / शिवमंगल सिंह ‘सुमन’
- हम पंछी उन्मुक्त गगन के / शिवमंगल सिंह ‘सुमन’
- वरदान माँगूँगा नहीं / शिवमंगल सिंह ‘सुमन’
- मैं बढ़ा ही जा रहा हूँ / शिवमंगल सिंह ‘सुमन’
- तूफानों की ओर घुमा दो नाविक / शिवमंगल सिंह ‘सुमन’
- मेरा देश जल रहा, कोई नहीं बुझानेवाला / शिवमंगल सिंह ‘सुमन’
- सहमते स्वर-1 / शिवमंगल सिंह ‘सुमन’
- सहमते स्वर-2 / शिवमंगल सिंह ‘सुमन’
- सहमते स्वर-3 / शिवमंगल सिंह ‘सुमन’
- सहमते स्वर-4 / शिवमंगल सिंह ‘सुमन’
- सहमते स्वर-5 / शिवमंगल सिंह ‘सुमन’
- अंगारे और धुआँ / शिवमंगल सिंह ‘सुमन’
- मैं अकेला और पानी बरसता है / शिवमंगल सिंह ‘सुमन’
- चल रही उसकी कुदाली / शिवमंगल सिंह ‘सुमन’
- मिट्टी की महिमा / शिवमंगल सिंह ‘सुमन’
- रणभेरी / शिवमंगल सिंह ‘सुमन’
- पर आंखें नहीं भरीं / शिवमंगल सिंह ‘सुमन’