मात यशोदा के गोपाल
राधा के प्यारे नँदलाल
पाया कारागृह में जन्म
समय बहुत था कठिन कराल
जनता झेले अत्याचार
स्वर्ण रत्न राजा के भाल
निरबल के घर डोले भूख
खायें सबल बैठ कर माल
गौ सेवा का कर सम्मान
जन जन को कर दिया निहाल
असुरों का करते संहार
माखन खाते गोपी ग्वाल
मोहन करो दया की दृष्टि
काटो माया के जंजाल
किया कंस का भी विध्वंस
तोड़ दिया रिश्तों का जाल
कृष्णा और सुदामा मीत
किया सभी की सार सँभाल