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ज़रा आँख झपकी सहर हो गई / इस्मत ज़ैदी

16 जून 2011

  • Dkspoet

    नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=इस्मत ज़ैदी }} {{KKCatGhazal‎}}‎ <poem> दुआ जो मेरी बेअसर हो गई…

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