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नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=चाँद हादियाबादी }} {{KKCatGhazal}} <poem> जानो-दिल हम निसार कर…
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{{KKRachna
|रचनाकार=चाँद हादियाबादी
}}
{{KKCatGhazal}}
<poem>
जानो-दिल हम निसार करते हैं
प्यार की तरह प्यार करते हैं
हुस्न की ख़ूबसूरती में हम
उनकी सीरत शुमार करते हैं
मिस्ले-मजनूँ जुदाई में उनकी
अपना दिल-तार-तार करते हैं
उनका शेवा है गुल मसल देना
हम तो काँटों से प्यार करते हैं
रू-ब-रू उनके आके छुप जाना
वो बहुत बेक़रार करते हैं
क्या करें चाँद उनकी फ़ुर्क़त में
हम तो तारे शुमार करते हैं </poem>
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|रचनाकार=चाँद हादियाबादी
}}
{{KKCatGhazal}}
<poem>
जानो-दिल हम निसार करते हैं
प्यार की तरह प्यार करते हैं
हुस्न की ख़ूबसूरती में हम
उनकी सीरत शुमार करते हैं
मिस्ले-मजनूँ जुदाई में उनकी
अपना दिल-तार-तार करते हैं
उनका शेवा है गुल मसल देना
हम तो काँटों से प्यार करते हैं
रू-ब-रू उनके आके छुप जाना
वो बहुत बेक़रार करते हैं
क्या करें चाँद उनकी फ़ुर्क़त में
हम तो तारे शुमार करते हैं </poem>