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Kavita Kosh से
मगर कविताएँ
मुझे जीवन दान देती हैं
जो बनी हैं रक्त / अस्थि / मज्जा / सूर्यग्रहण / चन्द्रग्रहण /\
स्वप्न / संवेदना / इच्छा से ।
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