गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
कित रै गये थे पिया रात ने / खड़ी बोली
378 bytes added
,
09:28, 25 अप्रैल 2011
नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKLokRachna |रचनाकार=अज्ञात }} {{KKLokGeetBhaashaSoochi |भाषा=खड़ी बोली }} '''मल्हार''' <poem>…
{{KKGlobal}}
{{KKLokRachna
|रचनाकार=अज्ञात
}}
{{KKLokGeetBhaashaSoochi
|भाषा=खड़ी बोली
}}
'''मल्हार'''
<poem>
कित रै गये थे पिया रात ने
अरे पिया कित रै गँवाई सारी रैन
मैं रंगमहल में एकली<br>
</poem>
अजय यादव
469
edits