[[हुआ सवेरा / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’]] <br> {{ KKGlobal }}<br>{{KKRachna [[|रचनाकार=रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’]] <br>'हिमांशु'}}[[Category:बाल-कविताएँ]] <br> [[रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’]] <br> ~*~*~*~*~*~*~*~~*~*~*~*~*~*~*~ {{ KKGlobal }}<br>
'''हुआ सवेरा'''<br>
हुआ सवेरा जागी चिड़िया ।<br>
महक उठा खुशबू से अम्बर ॥<br>
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[[प्यारे पक्षी / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’]] <br>
{{ KKGlobal }}<br>
[[रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’]] <br>
[[बाल-कविताएँ]] <br>
[[रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’]] <br>
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'''प्यारे पक्षी'''<br>
पक्षी हमको लगते प्यारे ।<br>
…………………….[['''मीठी बोली / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’]] '''<br> {{ KKGlobal }}<br> [[रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’]] <br> [[बाल-कविताएँ]] <br> [[रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’]] <br> ~*~*~*~*~*~*~*~~*~*~*~*~*~*~*~ {{ KKGlobal }}<br> कुहू-कुहूकर कोयल बोली <br>
कानों में मिसरी –सी घोली ।<br>
सारी खुशियाँ रहती हैं ।।<br>
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