भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=द्विज }} {{KKPageNavigation |पीछे=जानि-जानि आपने ही गेह कौ अरा…
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=द्विज
}}
{{KKPageNavigation
|पीछे=जानि-जानि आपने ही गेह कौ अराम / शृंगार-लतिका / द्विज
|आगे=चँहकि चकोर उठे, सोर करि भौंर उठे / शृंगार-लतिका / द्विज
|सारणी=शृंगार-लतिका / द्विज/ पृष्ठ 2
}}
<poem>
'''दोहा'''
''(वन-शोभा वर्णन)''
या बिधि की सोभा निरखि, तन-मन गयौ भुलाइ ।
बन मैं यह लीला-ललित, ता चिन प्रगटी आइ ॥१४॥
</poem>
{{KKRachna
|रचनाकार=द्विज
}}
{{KKPageNavigation
|पीछे=जानि-जानि आपने ही गेह कौ अराम / शृंगार-लतिका / द्विज
|आगे=चँहकि चकोर उठे, सोर करि भौंर उठे / शृंगार-लतिका / द्विज
|सारणी=शृंगार-लतिका / द्विज/ पृष्ठ 2
}}
<poem>
'''दोहा'''
''(वन-शोभा वर्णन)''
या बिधि की सोभा निरखि, तन-मन गयौ भुलाइ ।
बन मैं यह लीला-ललित, ता चिन प्रगटी आइ ॥१४॥
</poem>