गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
आपने ज़िन्दगी न दी होती / गुलाब खंडेलवाल
6 bytes added
,
19:49, 1 जुलाई 2011
क्यों ये मरने की बेकली होती!
कोई दिल के
करीब
क़रीब
आता क्यों
दोस्ती दोस्ती रही होती!
एक नज़र इस तरफ भी की होती!
आप अपना ज़वाब थे
खुद
ख़ुद
ही
हम न होते तो क्या कमी होती!
Vibhajhalani
2,913
edits