भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
अब तो सभी
हवा मे में बाते करते हैं
व्याकुल हुए किसान
भूख से मरते हैं
मोबाइल वो लिए हुए मुह बाये हैं ।
</poem>