गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
अँधेरी रात के परदे में झिलमिलाया किये / गुलाब खंडेलवाल
No change in size
,
20:05, 11 अगस्त 2011
अंधेरी रात के परदे में झिलमिलाया किये
वे कौन थे कि जो सपनों में आया जाया किये
!
थे उनकी आँखों में आँसू ही बस हमारे लिए
Vibhajhalani
2,913
edits