गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
इस तरह हर ग़म भुलाया कीजिये / हसरत जयपुरी
15 bytes added
,
06:37, 20 अप्रैल 2012
}}
<poem>
इस तरह हर ग़म भुलाया
कीजि
कीजिये
रोज़ मैख़ाने में आया कीजिये
ऐ हसीनों ये गुज़ारिश है मेरी
अपने हाथों से पिलाया कीजिये
</poem>
अनिल जनविजय
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
54,245
edits