भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=कमलेश द्विवेदी |अनुवादक= |संग्रह= }...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=कमलेश द्विवेदी
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatGhazal}}
<poem>कह रहा हूँ दास्ताने-ज़िन्दगी.
ग़म-ख़ुशी हैं दरमियाने-ज़िन्दगी.

मौत की क्यों फ़िक्र वो तो आएगी,
आओ गायें हम तराने-ज़िन्दगी,

खट्टे-मीठे कितने अनुभव रोज़ ही,
मिलते हैं हमको बहाने-ज़िन्दगी.

है जहाँ पर प्यार सँग सब्रो-सुकूं,
है वहाँ पर आशियाने-ज़िन्दगी.

ख़ुदकुशी को जा रहा था कोई जब,
आ गया कोई बचाने ज़िन्दगी.

बाँटिये मुस्कान औरों को सदा,
फिर लगेगी मुस्कुराने ज़िन्दगी.
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
2,956
edits