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आईना-दर-आईना / डी. एम. मिश्र

No change in size, 07:59, 2 जनवरी 2017
* [[तुमने यार बजा फ़रमाया ग़ज़ल तो एक इशारा है / डी. एम. मिश्र]]
* [[बडे आराम से वो क़त्ल करके घूमता है / डी. एम. मिश्र]]
* [[अँधेरा है धना घना फिर भी ग़ज़ल पूनम की कहते हो / डी. एम. मिश्र]]
* [[ग़ज़ल ऐसी कहो जिससे कि मिट्टी की महक आये / डी. एम. मिश्र]]
* [[जि‍दगी में यूँ तो लाखों ग़म मिले / डी. एम. मिश्र]]
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