गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
इहाँ का तो इहे जानूँ / कुमार वीरेन्द्र
1 byte removed
,
11:25, 2 मार्च 2018
{{KKCatKavita}}
<poem>
माई मन्दिर जाती
पूजा करती, जिस दिन नहीं जाती
आँगन में जहाँ तुलसी चौरा, गिराती उहाँ जल सूर्य को, जैसा
अनिल जनविजय
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
54,466
edits