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[[Category: ताँका]]
<poem>
1'''1उपस्थित है
श्वेत पटल मन
मिलन-राग
तुम तो लिख डालो
प्रिय! स्वागत गान'''
2
'''समय-शिला
विरह की स्याही से
उभरे गीत
शिलालेख हों जैसे
मौन खड़े थे मीत''''''3
रोयी प्रीत यों
विरह के आँगन
हरियाली से
प्रिय तुम पलना
मन-प्राण सींचूँगी '''
10
'''हाथ में तेरे
सौंपी मैंने अपनी
अक्षत-प्रीत