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15:05, 9 जुलाई 2019 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=सुनीता शानू
|अनुवादक=
|संग्रह=
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<poem>
उसकी आँखों से
हकीकत बयान होती है
हर घड़ी एक नया
इम्तहान होती है
घूरने लगती है
दुनिया की नजर उसको
जब
किसी गरीब की बेटी जवान होती है।
</poem>