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गरीब की बेटी / सुनीता शानू

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उसकी आँखों से
 हकीकत बयान होती है
 हर घड़ी एक नया
 इम्तहान होती है
 घूरने लगती है
 दुनिया की नजर उसको
 जब
 किसी गरीब की बेटी जवान होती है।