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08:48, 7 अगस्त 2019 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=नवीन रांगियाल
|अनुवादक=
|संग्रह=
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<poem>
पत्थर दुनिया की सबसे ईमानदार स्थिति
नींद सबसे धोखेबाज़ सुख
तुम मेरी सबसे लंबी प्रतीक्षा
मैं तुम्हारी सबसे अंतिम दृष्टि
मौत सबसे ठंडी लपट।
रात सबसे गहरा साथ
छतें सबसे अकेली प्रेमिकाएं
पहाड़ बारिशों के लिए रोए
तो रोने की आवाज़ क्या हो
मैं हूँ तो मेरा होना क्या हो
तुम अगर हो तो तुम्हारे होने की आवाज़ क्या हो।
</poem>