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तुम्हारे होने की आवाज़ क्या हो / नवीन रांगियाल
Kavita Kosh से
पत्थर दुनिया की सबसे ईमानदार स्थिति
नींद सबसे धोखेबाज़ सुख
तुम मेरी सबसे लंबी प्रतीक्षा
मैं तुम्हारी सबसे अंतिम दृष्टि
मौत सबसे ठंडी लपट।
रात सबसे गहरा साथ
छतें सबसे अकेली प्रेमिकाएं
पहाड़ बारिशों के लिए रोए
तो रोने की आवाज़ क्या हो
मैं हूँ तो मेरा होना क्या हो
तुम अगर हो तो तुम्हारे होने की आवाज़ क्या हो।