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मेहमान / इद्रा नोवे / अनिल जनविजय
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16:27, 17 अक्टूबर 2019
मेरी छान-बीन के सभी गद्दे गीले हो चुके हैं
मेरे मेहमानों में वो सबसे ज़्यादा शोर करनेवाला और विराट है
बुला रहा है
वह
वो
मुझे जब मैं यह कविता लिख रही हूँ
वह नन्हा बी० मेरे लिए हर्षदायक है।
अनिल जनविजय
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