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मेहमान / इद्रा नोवे / अनिल जनविजय

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क्या ऐसा कोई पकवान नहीं है, जिससे टपक रही हो चटनी
पूरे फ़र्श पर। क्या वो स्पैनियल कुत्ते से अजगर बन गया है,
किसी द्रव्य से ज़्यादा ज्वलनशील हो गया है,
मेरी जकड़ में शिथिल हो गया है, या मेरी रसोई में
मिले-जुले फलों का मुरब्बा बन गया है ।

मेरे भीतर की नृत्य-कामना को जगाओ
मेरी जवाकुसुम की गन्ध को जगाओ
ट्रॉय युद्ध के दौरान चक्रव्यूह में फँसे
ट्रॉय के राजकुमार हैक्टर को बुलाओ।

मेरी छान-बीन के सभी गद्दे गीले हो चुके हैं
मेरे मेहमानों में वो सबसे ज़्यादा शोर करनेवाला और विराट है
बुला रहा है वो मुझे जब मैं यह कविता लिख रही हूँ
वह नन्हा बी० मेरे लिए हर्षदायक है।
 
मूल अँग्रेज़ी से अनुवाद : अनिल जनविजय

लीजिए, अब यही रचना मूल अँग्रेज़ी में पढ़िए
        Idra Novey
        The Visitor

Does no dishes, dribbles sauce
across the floor. Is more dragon
than spaniel, more flammable
than fluid. Is the loosening
in the knit of me, the mixed-fruit
marmalade in the kitchen of me.
Wakes my disco and inner hibiscus,
the Hector in the ever-mess of my Troy.
All wet mattress to my analysis,
he’s stayed the loudest and longest
of any houseguest, is calling now
as I write this, tiny B who brings the joy.