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किराए का घर / निलिम कुमार

146 bytes added, 20:18, 29 अप्रैल 2020
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|रचनाकार=निलिम कुमार
|अनुवादक=अनिल जनविजय
|संग्रह=
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<poem>
मेरे एक कमरे में वह पढ़ता है,
दूसरे कमरे में
खाना खाता है,एक कमरे में वह गीत गाता है,और एक दूसरे कमरे में सोता है
उसने मेरे दिल के सभी चारों कमरे
घेर रखे हैं
वह और कोई नहींदुख है '''मूल बांगला से अनुवाद : अनिल जनविजय'''
</poem>
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