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देख्ने र देखिने / वीरशाली पन्त
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03:55, 1 जून 2020
मनः प्राणज्ञानेन्द्रिय सकल कर्मेन्द्रिय तनू
निजात्मा सत्ताले जड इ सव चैतन्य झँञि छन् ।।
यही वोध् बूझीन्या अति विमल
वीधानुभव
वोधानुभव
यो
वनाहूँदामा श्री हरिचरण मात्रै शरण छन् ।।१।।
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