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अङ्ग अङ्गमा / सुमन पोखरेल
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04:56, 12 जून 2020
|रचनाकार= सुमन पोखरेल
|अनुवादक=
|संग्रह=
मलाई जिन्दगी नै दुख्दछ / सुमन पोखरेल
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अङ्ग अङ्गमा चल्यो तरङ्ग
ऐना हेर्दा भएँ झसङ्ग
Sirjanbindu
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