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तुम कहो तो एक बात आज मैं कहूँ।
फर्क फ़र्क़ ही नही कि डूब जाऊं या रहूँ।
अब तुम्हारा साथ ही नदी है नाव है।
आस पास प्यास का नगर बसा लिया
फिर तुम्हे नगर का राजपाठ दे दिया
जिंदगी का आखिरी आख़िरी यही तो दाँव है।
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