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06:25, 5 सितम्बर 2020 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=इंदिरा शर्मा
|अनुवादक=
|संग्रह=
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<poem>
माँ मैं तेरे मंदिर का दिया
तेरे ही चरणों में जिया |
जलता रहता झिलमिल – झिलमिल
मन मंदिर में अर्जित – पूजित
नित सांध्य तुझे अर्पित किया
तेरे ही चरणों में जिया |
नव दिन तेरे हैं रूप नवल
तू दिव्य रूप शिव , कल्याणी
अमृत घट भरे वरदान सदा
माँ मैं तेरे मंदिर का दिया
तेरे ही चरणों में जिया |
जग में तेरी महिमा अनंत
सबका जीवन जग में सुखमय
दुष्टों का तूने उद्धार किया
माँ मैं तेरे मंदिर का दिया
तेरे ही चरणों में जिया |
तेरे चरणों में शीश रहे
मन भक्ति में तल्लीन रहे
मन में सेवा का भाव सदा
माँ मैं तेरे चरणों का दिया
तेरे ही चरणों में जिया |
</poem>