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15:18, 26 जून 2021 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=निकानोर पार्रा
|अनुवादक=देवेश पथ सारिया
|संग्रह=
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<Poem>
जैसा लिखते हो, लिखोकिसी भी शैली मेंपुल के नीचे से बहुत ख़ून बह चुका हैइसी यक़ीन मेंकि सिर्फ़ एक ही रास्ता सही हैकविता में हर बात की अनुमति हैऔर महज़ एक शर्त हैख़ाली काग़ज़ बेहतर हो उठे।
(अंग्रेजी अनुवाद: मिलर विलियम्स)
'''अँग्रेज़ी से अनुवाद : देवेश पथ सारिया'''
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